दुनिया की सबसे बड़ी फ़ोन निर्माता कंपनी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुके स्टीव जॉब्स को आज के दिनों में कौन नहीं जानता है. वह आज के युवाओं के यूथ आइकॉन बन चुके हैं. अपने कई कठिन परिश्रम से उन्होंने अपना यह मुकाम पाया था. पैसों की तंगी के चलते उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी. बाद में उन्होंने 1976 में स्टीव वोजनियाक के साथ मिलकर एप्पल कंपनी की शुरुआत की थी.
कैलिफोर्निया में जन्मे जॉब्स को उनके माता-पिता ने गोद लिया था. स्टीव जॉब्स के परिवार में उनकी एक बहन मोना सिम्प्सन है. इसके अलावा जॉब्स का पहले से एक पुराना संबंध था. जिससे उनके एक बेटी हैं जिसका नाम लीज़ा ब्रेनन जॉब्स हैं. लीज़ा ब्रेनन जोब्स का जन्म 17 मई 1978 को हुआ था. स्टीव जॉब्स ने इसके बाद 1991 में लौरेन पावेल से शादी की थी. जिससे उन्हें एक बेटा और एक बेटी हैं.
जॉब्स की बड़ी बेटी लीसा ने अपनी “स्माल फ्राई” नाम से लिखी बुक में खुलासा किया हैं कि उनके और उनके पिता स्टीव जॉब्स के संबंध आपस में अच्छे नहीं थे. उन्होंने वेनिटी फेयर मैगजीन में लिखे एक आर्टिकल में अपनी बुक के कुछ अंश भी प्रकाशित किए हैं. लीज़ा ने बताया की शुरू में तो उनके पिता स्टीव जॉब्स ने उन्हें अपनी मानने से भी इनकार कर दिया था.
लीसा ने अपनी बुक में बताया कि, “मेरे दो साल का होने तक मेरी मां सोशल बेनिफिट्स लेने के अलावा बर्तन धोकर और नौकरियां करके घर चलाती रहीं. मेरे पिता से उन्हें कोई मदद नहीं मिली. 1980 में कैलिफोर्निया की कोर्ट ने मेरे पिता से गुजारा भत्ता देने को कहा. उन्होंने शपथपत्र पर झूठ बोला कि वो मेरे पिता नहीं है और वो पिता बन ही नहीं सकते. उन्होंने किसी और व्यक्ति का नाम देकर उसे मेरा पिता बताया.” हालांकि डीएनए टेस्ट में स्टीव के लीसा ब्रेनन का पिता होने की पुष्टि हुई और अदालत ने उन्हें 500 डॉलर प्रति महीने के गुजारा भत्ते के अलावा सोशल इंश्योंरेंस का खर्च उठाने के लिए भी कहा.”
स्टीव जॉब्स हमेशा ही लीसा से ना तो सही तरीके से बात करते ना ही उन्हें किसी तरह अपनापन महसूस कराते. हालांकि लीसा आगे बताती हैं कि उनके और स्टीव जॉब्स के संबंध बाद में ठीक हो गए थे. जब स्टीव जॉब्स के अंतिम दिनों के समय लीसा अक्सर उनकी देखभाल करने उनके घर जाती रहती थी. स्टीव जोब्स का 5 अक्टूबर 2011 को पेन्क्रियाटिक कैंसर कि वजह से निधन हो गया था.