निर्देशक वसन बाला की रोमांच व मारधाड़ से भरपूर फिल्म ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ ने 43वें टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (टीआईएफएफ) में शीर्ष पुरस्कार जीता है. यह फेस्टिवल रविवार को संपन्न हुआ. फिल्म में भारत की ओर से इस फेस्टिवल के ‘मिडनाइट मैडनेस’ सेगमेंट में अब तक का पहली बार प्रवेश था. फिल्म ने फेस्टिवल में पीपुल्स च्वाइस मिडनाइट मैडनेस अवॉर्ड जीता है. वसन बाला की फिल्म ने ‘असेसिनेशन नेशन’ और ‘हैलोवीन’ को हराकर पीपुल्स च्वाइस मिडनाइट मैडनेस अवार्ड जीता है.
Scenes from THE MAN WHO FEELS NO PAIN, winner of the Grolsch People's Choice Midnight Madness Award 🏆🕶️👊🏾
👏🏾Standing ovation
✖️Ass-kicking actors who learned martial arts in 8 months
2️⃣The moment Vasan Bala was asked about a sequelhttps://t.co/GArMRLmmFs pic.twitter.com/9XQHI9SMxy— TIFF (@TIFF_NET) September 16, 2018
अवार्ड को लेते हुए डायरेक्टर वसन बाला ने कहा कि, ‘मुझे इससे पहले पहली बार मंच पर उस समय बुलाया गया था जब मैं चौथी कक्षा में था और वह आर्ट और क्राफ्ट के लिए था. मैंने कार्डबोर्ड काटे और फिर उन्हें चिपका दिया. मेरे लिए अभी भी यह समान अनुभव है. पहले आप पटकथा लिखते हैं और फिर फिल्म बनाने से इसका मतलब नहीं होता और फिर जब आप फिल्म बना लेते हैं तो फिल्म महोत्सव में आने को लेकर कोई सोच नहीं रहे होते हैं और जब फिल्म महोत्सव में आते हैं तो फिर इसकी स्क्रीनिंग सही समय पर पूरा करने से मतलब नहीं होता. यह मेरी जिंदगी है. मेरा मतलब कहीं होने से नहीं था’.
Madness At Midnight with the one and only @radhikamadan01! #MardKoDardNahiHota #TIFF18 @TIFF_NET pic.twitter.com/UOi7lpI4DG
— Abhimanyu Dassani (@Abhimannyu_D) September 15, 2018
‘द मैन हू फील्स नो पेन’ की अंग्रेजी टाइटल वाली यह फिल्म 70 और 80 के दशक में मार्शल आर्ट पर आधारित एक्शन कॉमेडी से भरपूर है. वहीं लंदन में रहने वाली भारतीय मूल की संध्या सूरी की निर्देशित भारतीय फिल्म ‘द फील्ड’ ने आईडब्ल्यूसी इंटरनेशनल शॉर्ट फिल्म अवॉर्ड जीता है. उन्होंने अवार्ड मिलने पर कहा कि, ‘यह आश्चर्यजनक है कि टीआईएफएफ में ग्रामीण भारत की एक महिला के बारे में बनी फिल्म को मान्यता मिली है’.
बात दें कि ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ फिल्म में मुख्य भूमिका अभिमन्यु दस्सानी ने निभाई है उनका किरदार ऐसा है की उसे किसी भी तरह से कटने या चोट आने पर दर्द नहीं होता है. इसके बाद वह जब बड़ा होता है. तो तय करता है कि वह अपने 100 दुश्मनों से बदला लेगा. इसके बाद कहानी ओर दिलचस्प हो जाती है. फिल्म में उनके साथ राधिका मदान भी अहम भूमिका में नजर आएंगी.