ज्यादातर जगहों पर 1 अप्रैल को अप्रैल फूड डे के तौर पर मनाया जाता है. कब और कैसे इसकी शुरूआत हुई इसके बारे में कोई खास जानकारी नहीं है. लेकिन हर साल इस दिन को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को बेवकूफ बनाकर सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन को दुनिया में ज्यादातर जगहों पर मनाया जाता है.
19वीं शताब्दी से, अप्रेल फूल प्रचलन में है. हालांकि इस दिन कोई छुट्टी नही होती. अंग्रेजी साहित्य के पिता ज्योफ्री चौसर की कैंटरबरी टेल्स ऐसा पहला ग्रंथ है जहां 1 अप्रेल और बेवकूफी के बीच संबंध स्थापित किया गया था. अपने पहचान वालों को बिना अधिक परेशान किए, मजाक के लिए शरारतें करने का यह उत्सव हर देश में मनाया जाता है. माना यह जाता है कि अप्रेल फूल मनाने की प्रेरणा रोमन त्योहार हिलेरिया से ली गई है. इसके अलावा भारतीय त्योहार होली और मध्यकाल का फीस्ट ऑफ फूल (बेवकूफों की दावत) भी इस त्योहार की प्रेरणा माने जाते हैं.
इस दिन लोग बिना किसी झिझक के एक-दूसरे को मूर्ख बनाने के कई तरीके अपनाते है. मुर्ख बनाने के लिए दिल खोलकर झूठ, ऊट-पटांग बातें कहकर, झूठे आरोप लगाकर, गलत सूचनाएं आदि देकर मूर्ख बनाने के कई सारे फंडे अपनाने की कोशिश में लगे रहते हैं. हर किसी का मकसद यही कि किसी तरह परिवार या दोस्तों को मूर्ख दिवस की टोपी पहनाई जा सके. और हंसी-मजाक का आनंद उठा सकें और दूसरों के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेर सकें.
इंडिया में अप्रैल फूल का ट्रेंड बाहरी देशों की देन है. यहां भी इसे एक-दूसरे को बेवकूफ बनाकर ही सेलिब्रेट किया जाता है. बेवकूफ बनाने के बाद ‘अप्रैल फूल-अप्रैल फूल’ भी बोलना पड़ता है. झूठी इंटरव्यू कॉल, खाने का खाली डिब्बा देना ऐसी शरारतें शामिल होती हैं. वहीं दूसरी ओर ग्रीस में अप्रैल फूल प्रैंक को गुड लक से जोड़कर देखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि अगर आप किसी के साथ ट्रिक करने वाले हैं तो आपका आने वासा साल बहुत ही अच्छा जाएगा.
यूनाइटेड स्टेट्स में पूरे दिन अप्रैल फूल दिवस सेलिब्रेट किया जाता है. रेडियो या संचार माध्यम से गलत जानकारी, अलग-अलग डरावनी चीज़ों का इस्तेमाल यहां लोगों को बेवकूफ बनाने में किया जाता है. दोस्तों से लेकर रिश्तेदार ऑफिस मेंबर्स कोई भी इस दिन बच नहीं सकता. इस दिन को लेकर लोग बहुत एक्साइटेड रहते हैं.