पिछले दिनों मद्रास हाईकोर्ट के निर्देश के बाद, तेजी से लोगों के बीच लोकप्रिय हुए मोबाइल ऐप टिकटॉक को गूगल प्ले स्टोर व एपल आई ट्यून्स से हटा दिया गया है. पहले से ही उपलब्ध गानों, वीडियो और डायलॉग्स के साथ खुद को प्रस्तुत करने की आजादी देने वाला यह ऐप जल्दी ही लोगों के बीच लोकप्रिय हो गया था. जिसके देखा देखी इसी तरह के और भी कई मोबाइल ऐप तेजी से उभरे हैं.
हालांकि मद्रास हाईकोर्ट द्वारा इस पर बैन लगाए जाने के आदेश के बावजूद लोगों में इस ऐप के प्रति दिवानगी कम नहीं हुई है, इसी के चलते इंटरनेट यूजर्स इस ऐप का एपीके (एन्ड्रॉइड पैकेज किट) ऑनलाइन सर्च कर रहे हैं. दरअसल ऐसे ऐप जो गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं होते उन्हें एपीके फाइल के जरिये स्मार्टफोन्स में इंस्टॉल किया जा सकता है.
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एपीके फाइल जो कि गूगल प्ले स्टोर द्वारा आधिकारिक नहीं होती उन्हें इंस्टॉल करने के लिए आपको अपने मोबाइल में अननोन सोर्सेज को अलाऊ करना होगा. ऐसी परिस्थिति में यदि संबंधित ऐप के माध्यम से आपका मोबाइल हैक हो या फिर आपके मोबाइल का डाटा चोरी हो तो इसके प्रति प्ले स्टोर की कोई जिम्मेदारी नहीं होती.
मद्रास हाईकोर्ट ने टिकटॉक ऐप पर बैन लगाने का आदेश पारित करते वक्त टिप्पणी की थी कि यह ऐप बच्चों में यौन हिंसा और पोर्नोग्राफी को बढ़ावा दे रहा. अदालत ने केंद्र सरकार के आईटी मंत्रालय को इस ऐप पर रोक लगाने संबंधी दिशा-निर्देश दिए थे. इसके बाद ही आईटी मंत्रालय ने गूगल और एपल को इस ऐप को अपने प्लेटफॉर्म्स से हटाने के लिए पत्र लिखा था.
मदुरै हाईकोर्ट के फैसले के बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई है हालांकि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सुनवाई करने से मना कर दिया है क्योंकि हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई अब भी जारी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाईकोर्ट का यह फैसला 3 अप्रैल को आया था और इसी मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होना है.
टिकटॉक ऐप का मालिकाना हक चाइनीज कंपनी बाइटडांस के पास है. कंपनी ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा ऐप पर बैन लगाए जाने के बाद कहा है कि उन्हें भारतीय न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. भारत में टिकटॉक ऐप को 240 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है और बाइटडांस के अनुसार भारत में इस ऐप के 12 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं.