अपनी सिंपल जीवनशैली के लिए भी पहचाने जाने वाले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी के ज्ञान की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. मैदान से लेकर पर्सनल लाइफ तक धोनी का हर प्रसंशक उनकी तारीफ़ करते से नहीं थकता है. धोनी को कैप्टन कूल ऐसे ही नहीं कहा जाता है. इसके पीछे भी उनकी प्रतिभाए हैं. भारत के पूर्व मेंटल कंडिश्निंग कोच पैडी अपटन ने एमएस धोनी के बारे में अपनी किताब ‘बेयरफुट’ में कई रोचक बाते बताई हैं. उन्हीं रोचक बातों में से एक किस्सा यहां हम आपको बताने जा रहे हैं.
पैडी अपट ने अपनी बुक में लिखा है कि, जब वे साल 2008 में भारतीय क्रिकेट टीम के कोचिंग स्टाफ से जुड़े तो उन्होंने देखा कि कई खिलाड़ी मैदान पर प्रैक्टिस के दौरान काफी लेट आते हैं. ऐसे में पैडी अपट ने सारे खिलाड़ियों से एक राय मांगी थी.
दसअसल पैडी अपट ने सभी खिलाडियों से यह राय मांगी थी कि अगर कोई खिलाड़ी मैदान पर या प्रैक्टिस के दौरान लेट पहुंचता है तो उसके साथ क्या करना चाहिए? जिस वक्त पैडी अपट ने यह राय मांगी थी उस वक्त टेस्ट टीम के कप्तान अनिल कुंबले थे तो वहीं वनडे टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे. दोनों ही कप्तानों ने अपने अपने आइडिया पैडी अपट को बताए लेकिन धोनी का आइडिया थोड़ा अच्छा था.
अनिल कुंबले से जब उनके आइडिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी लेट होता है तो उस पर 10,000 रूपए का जुर्माना कर देना चाहिए. वहीं जब धोनी से इस बारे में पूछा गया तो धोनी ने कहा, जो खिलाड़ी लेट होता है तो उस पर ही नहीं बल्कि 10,000 रूपए का जुर्माना उसके अलावा सारे खिलाड़ियों पर भी जुर्माना लगा देने चाहिए.
इस तरह से टीम के सारे खिलाड़ियों को धोनी का यह सुझाव काफी पसंद आया था. जानकारी के लिए आपको बता दें इस साल 2008 में टेस्ट क्रिकेट से अनिल कुंबले सन्यास ले चुके थे. वहीं अगर हम कप्तानी की बात करें तो वह भी अब तीनों फॉर्मेट की कप्तानी से हट चुके हैं. धोनी की कप्तानी की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. उनकी कप्तानी में साल 2007 में भारत को विश्व विजेता बनाया था. इसके बाद साल 2011 में वर्ल्ड कप जीता था. 2013 के चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान भी धोनी ही टीम इंडिया की कप्तानी संभाले हुए थे.