उत्तरप्रदेश के काशी में पिछले एक हफ्ते से वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब रही. इस वजह से यहां के सिगरा इलाके और तारकेश्वर मंदिर में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को भी मास्क पहनाया गया. इन मंदिरों के पुजारियों का कहना है कि भगवान की प्रतिमाओं को गर्मी में चंदन और ठंड में कंबल जरूरी होता है तो प्रदूषण से बचाने के लिए मास्क पहनाना अनिवार्य है.
वाराणसी में बाबा भोले को प्रदूषण से बचाने के लिए मास्क पहना दिया गया है. तारकेश्वर महादेव मंदिर के बाबा भोले को पुजारियों ने मास्क पहना दिया है. इसके अलावा खुद पुजारियों ने भी मास्क पहनकर पूजा अर्चना की है. पुजारी हरीश मिश्रा ने कहा वाराणसी आस्था की नगरी है. हम आस्थावान लोग भगवान के इंसानी रूप को महसूस करते हैं. गर्मी में भगवान की प्रतिमाओं को शीतलता प्रदान करने के लिए चंदन लेपन करते हैं. शरद ऋतु में इन्हें कंबल और स्वेटर भी पहनाए जाते हैं. जब हम इन्हें इंसानी रूप में मानते हैं तो उन पर भी प्रदूषण का असर हो रहा होगा. इसीलिए यहां स्थित प्रतिमाओं को हमने मास्क पहना दिया है.
पुजारी संदीप ने कहा कि यदि बाबा भोले वायु प्रदूषण से सुरक्षित रहेंगे तो हम लोग भी सुरक्षित रहेंगे. उन्होंने कहा कि प्रदूषण स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है. ऐसे में वायु प्रदूषण से बचाने के लिए शिवलिंग को मास्क पहनाया गया है. मालूम हो कि वाराणसी में इससे पहले कई देवी-देवताओं को मास्क पहनाए जा चुके हैं.
पुजारी ने बताया कि यहां पर प्रदूषण लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया है. स्मॉग से निपटने के लिए फायर फाइटिंग टीम को तैनात करना पड़ा. शहर में फायर ब्रिगेड टीमें पेड़-पौधों पर पानी की फुहार के साथ ही उन पर जमी धूल को झाड़ने के लिए प्रयास कर रही हैं. पिछले कुछ दिनों से वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 400 के करीब रहा है.
सोमवार को हवा का क्वालिटी इंडेक्स 354 से 364 के बीच रहा. मंगलवार को कुछ सुधार होकर 292 दर्ज किया गया. ऐसा ही हाल बुधवार को रहा. लोगों को वायु प्रदूषण से बेहद परेशानी हुई. वायु प्रदूषण का स्तर कम करने के लिए जिला प्रशासन ने बुधवार को शहर के कई इलाकों में पानी का छिड़काव किया.