मणिपुर में 12 वर्षीय बच्चा 10वीं बोर्ड की परीक्षा देने वाला सबसे युवा छात्र बनने जा रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि 141 आईक्यू स्कोर वाले इस्साक पॉललुंगमुआन चुराचांदपुर जिले के माउंट ओलिव स्कूल का छात्र है और 2020 में वह हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (एचएसएलसी) की परीक्षा देगा. उन्होंने बताया कि बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए सरकार की अनुमति हासिल करने के लिए उसे मनोवैज्ञानिक परीक्षा भी पास करनी होगी.
मणिपुर में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव चिथुंग मेरी थॉमस द्वारा जारी बयान में कहा गया कि 10वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा देने के लिए मौजूदा नियम के अनुसार किसी विद्यार्थी की उम्र कम से कम 15 वर्ष होनी चाहिए. लेकिन इस्साक के मामले में इसमें छूट दी गई है क्योंकि यह एक विशेष मामला है. इसी के साथ वह असम की 10वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले सबसे कम उम्र के बच्चे बन गए हैं. बता दें, उन्होंनेे 8वीं तक की पढ़ाई माउंट ऑलिब स्कूल से की है.
Manipur: 12-year-old Issac Paulallungmuan of Churachandpur dist's Kangvai village is all set to become the youngest person in state to appear in HSLC exams (class 10 state board exams). As per tests conducted by Dept of Clinical Psychology,RIMS Imphal, his IQ stands at 141.(1.12) pic.twitter.com/uKYwDRF28J
— ANI (@ANI) December 1, 2019
बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (BOSEM) ने उन्हें कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं में असम हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट के लिए उपस्थित होने की अनुमति दे दी है. बच्चे ने कहा, ‘मैं खुश और उत्साहित हूं.’ बता दें, इस्साक के पिता ने पिछले साल एक आवेदन प्रस्तुत किया था जिसमें शिक्षा विभाग से अपने बेटे को मैट्रिक परीक्षा में लिखने की अनुमति देने की मांग की गई थी. इम्फाल स्थित रिम्स के क्लीनिकल साइकोलॉजी टेस्ट में इस्साक का दिमाग 17 साल 5 महीने जितना विकसित और आईक्यू लेवल 141 है. जिसका मतलब है कि उनका दिमाग काफी बौद्धिक है.
टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर 1 अप्रैल को आइजक की उम्र 15 साल मानी जाएगी. यह 10वीं की परीक्षा में शामिल होने के लिए अनिवार्य है. हालांकि उनकी वर्तमान में आयु 12 साल है. उनके पिता ने कहा, ‘पिता के रूप में मुझे गर्व महसूस हो रहा है. हम परीक्षा विभाग के लिए बहुत खुश और आभारी हैं.’ कांगवई गांव के इस्साक को मणिपुर बोर्ड द्वारा फरवरी 2020 को निर्धारित आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए अपनी वास्तविक जन्मतिथि के साथ अपना नाम दर्ज करने की मंजूरी मिल गई है.