साल 2021-22 के लिए 1 फरवरी को बजट पेश किया जाने वाला है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कई उद्योग संगठनों ने टैक्स कटौती की मांग की है. रियल एस्टेट सेक्टर की तरफ से आए सुझाव में कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआई) ने कहा है कि सरकार को कमर्शियल लीजिंग या किराए के लिए वस्तु एवं सेवा की खरीद पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ देना चाहिए.
इस बजट में रियल एस्टेट डेवलपर्स को महामारी की वजह से उपजे कठिन हालात में जरूर राहत मिलेगी. इसकी मदद से रियल इस्टेट उद्योग भी दोहरे कराधान से बचेगा. टाटा रिएल्टी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के एमडी व सीईओ संजय दत्त ने कहा कि वर्तमान में किराए की आय पर जीएसटी चुकाना होता है, जबकि इसके निर्माण के वक्त आइटीसी की सुविधा नहीं दी जाती है.
लक्ज़री कार निर्माता कंपनियों ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मौजूदा टैक्स में कटौती करने की भी मांग की है. मर्सीडीज-बेंज, ऑडी एवं लेंबोर्गिनी जैसी कंपनियों का कहना है कि लग्जरी कारों पर टैक्स बढ़ाने से इनकी मांग व कारोबार पर गहरा असर पड़ेगा. लक्ज़री कार उद्योग ने भी महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों पर पड़े दुष्प्रभाव को ग्रोथ की राह में बड़ी अड़चन बताया.
तो वहीं, यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम (यूएसआइएसपीएफ) ने भी भारत सरकार से यह गुजारिश की है कि वह वस्तु एवं सेवा के आयात पर लगने वाले शुल्क को घटाने की दिशा में आगे बढ़े. यूएसआईएसपीएफ के प्रेसिडेंट मुकेश आघी का कहना है कि इससे अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्ते और मजबूत होंगे. नया आम बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा. इस बार के बजट से कई सारी उम्मीदें और संभावनाएं हैं. ऐसे में देशभर के आम लोग, निवेशकों और कारोबारियों की निगाह भी इस बजट पर टिकी हुई है. अर्थव्यवस्था के प्रभाव से जल्द से जल्द बाहर निकालने की दिशा में बजट 2021 में कुछ प्रावधान सामने की उम्मीद की है.