आज पूरे देश में 72वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है. महामारी की वजह से इस साल का गणतंत्र दिवस काफी अलग है. दरअसल, इस साल कोई विदेशी मेहमान बतौर चीफ गेस्ट नहीं होगा. महामारी की वजह से इस साल गणतंत्र दिवस पर किसी भी देश के सरकार का प्रमुख हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनकर शामिल नहीं होने वाला है. बता दें, पिछले पांच दशकों में यह पहली बार है. जब कोई राष्ट्राध्यक्ष 26 जनवरी की परेड देखने नहीं आ रहे हैं. आपको बता दें इससे पहले ऐसा 3 बार और भी हो चुका है. पहले भारत की ओर से ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को न्योता भेजा था. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के अंतिम मौके पर समारोह में न आने के फैसले के बाद भारत ने विदेशी मेहमान को न्योता न देने का मन बना लिया था.
5 सालों बाद यह पहला मौक़ा है. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी मेहमान शामिल नहीं होगा. इससे पहले साल 1966 में गणतंत्र दिवस परेड में कोई विदेशी मेहमान शामिल नहीं हो सका था. इस समय 11 जनवरी को लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद 24 जनवरी को इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. इसके अलावा साल 1952 और 1953 में भी भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के मौके पर कोई विदेशी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ था.
गौरतलब है कि 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था. जिसके बाद से हर साल यह दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. हर साल आज के दिन देश की राजधानी में राजपथ पर देश की सैन्य ताकत के साथ सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया जाता है. हर साल परेड में एक विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को चीफ गेस्ट बनाने की रीत भी चली आ रही है. इतने सालों में कई मौके ऐसे भी आए हैं. जब एक से अधिक मेहमानों को बुलाया गया है.
बताते चलें इस साल महामारी की वजह से 26 जनवरी की परेड में भी कई बदलाव किए गए हैं. परेड की लंबाई कम की गई है. इसके साथ ही कार्यक्रम में सिर्फ 25 हजार लोग ही मौजूद रहेंगे. इस बात की जानकारी नई दिल्ली जिला पुलिस के डीसीपी डॉ. ईश सिंघल ने ट्वीट कर दी थी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी अपील की थी कि जिन लोगों के पास भी परेड पास नहीं है, वे कृपया यहां न आए. अपने घरों में ही रहें.