ज्यादातर लोग अब ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. इसी बीच आज की यह खबर HDFC, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और ICICI जैसे बैंकों के ग्राहक के लिए है. जी हां, आपको बता दें इन बैंकों के कस्टमर्स को 1 अप्रैल यानी गुरुवार से ओटीपी हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) ने शुक्रवार को 40 कंपनियों और बैंकों आदि की लिस्ट जारी की है जो उसके नवीनतम SMS नियमों का पालन करने में विफल रही हैं.
इन डिफॉल्टर संस्थाओं में SBI, HDFC बैंक, ICICI बैंक के अलावा एलआईसी, एक्सिस बैंक, आईडीबीआई बैंक, एंजेल ब्रोकिंग, बंधन बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, फेडरल बैंक, फ्लिपकार्ट, डेल्हीवेरी, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, यूनियन बैंक जैसी मुख्य संस्थाएं भी शामिल हैं. ट्राई का कहना है कि ये संस्थाएं अनिवार्य पैरामीटर जैसे कंटेन्ट टेम्पलेट आईडी, पीईआईडी आदि का पालन नहीं कर रहीं इसलिए इन्हें और छूट नहीं दी जा सकती. यानी अगर इन कंपनियों ने आजकल में कोई आपात कदम नहीं उठाए तो उनके ग्राहकों को रिजस्टर्ड मोबाइल नंबर या ई-मेल पर ओटीपी मिलना बंद हो सकता है.
साल 2018 से ट्राई अनचाहे कॉल, एसएमएस को रोकने की व्यवस्था लागू करने की कोशिश कर रहा है और अब उसने चेतावनी दी है कि संस्थाओं को और समय नहीं दिया जा सकता. यह व्यवस्था फर्जीवाड़ा रोकने के लिए की गई है. कंपनियों से कहा गया है कि ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए वे ट्राई द्वारा तय फॉर्मेट में ही एसएमएस भेजें. इसके पीछे मुख्य आम लोगों को फर्जी एसएमएस से होने वाले फिशिंग जैसे साइबर क्राइम से बचाना है.
बता दें नए SMS रेगुलेशन को SMS फ्रॉड रोकने के लिए TRAI द्वारा शुरू किया गया था. लेकिन इस प्रोसेस की वजह से कई तरह की समस्याएं सामने आ रही थीं. जिसके बाद अब TRAI ने नई गाइडलाइंस जारी की है. इस गाइडलाइंस में सभी टेलीकॉम ऑपरेटर को DLT पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. जिनका उद्देश्य ओटीपी फ्रॉड और स्पैम SMS को रोकना है. नए DLT सिस्टम में रजिस्टर्ड टेम्पलेट वाले हर SMS के कंटेंट को वेरिफाई करने के बाद ही डिलीवर किया जाएगा. इस पूरी प्रोसेस को स्क्रबिंग कहा जाता है. इसे 8 मार्च से लागू कर दिया गया है. जिसके बाद से ही बहुत से लोगों को ओटीपी आने में दिक्कतें आ रही थीं. इन दिक्कतों को देखते हुए ट्राई ने एसएमएस डिलिवरी पर अंकुश हटा दिया था, लेकिन 1 अप्रैल से फिर से यह समस्या आ सकती है.